हम सबके लिए हमारे बुजुर्ग धरोहर की तरह हैं। हम सबके लिए हमारे बुजुर्ग धरोहर की तरह हैं।
वहां बसती खुशियां अपार। वहां बसती खुशियां अपार।
बुजुर्ग बुजुर्ग
मैं पूछती हूँ, क्या हम इंसान नहीं ? जिस माँ-बाप ने हमको पाला, क्यों उनके घर में उनके लिए स्थान... मैं पूछती हूँ, क्या हम इंसान नहीं ? जिस माँ-बाप ने हमको पाला, क्यों उनके घर ...
औलाद न होने का ग़म इतना बड़ा नहीं होता है, जितना कि औलाद होकर भी आख़िरी वक्त पर साथ न देने ... औलाद न होने का ग़म इतना बड़ा नहीं होता है, जितना कि औलाद होकर भी आख़िरी वक...
टूटे न रिश्तों की डोर कभी मुहब्बत के रंगों से ले संवार। टूटे न रिश्तों की डोर कभी मुहब्बत के रंगों से ले संवार।